अपने देश में प्रजातंत्र बिखरता जा रहा है! अपने देश में प्रजातंत्र बिखरता जा रहा है!
मृत्यु एक सार्वभौमिक सत्य है, फिर भी उसे स्वीकार करना सहज या सरल बिल्कुल नहीं है। यदि म मृत्यु एक सार्वभौमिक सत्य है, फिर भी उसे स्वीकार करना सहज या सरल बिल्कुल नहीं है...
देखिए आप और हम दोनों अब समझदार हैं, बचपना तो रहा नहीं देखिए आप और हम दोनों अब समझदार हैं, बचपना तो रहा नहीं
वो अच्छी मम्मी के साथ चली गई। जाते समय बार बार पीछे पलटकर देखता था। मैं हूं कौन उसके। वो अच्छी मम्मी के साथ चली गई। जाते समय बार बार पीछे पलटकर देखता था। मैं हूं कौन ...
चौथा स्तंभ धराशाई हो गया हैं।अपना कर्तव्य फ़र्ज़ अदा नहीं कर रहा हैं। चौथा स्तंभ धराशाई हो गया हैं।अपना कर्तव्य फ़र्ज़ अदा नहीं कर रहा हैं।